बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

Classification of Computer

Classification of Computer(कम्प्यूटर का वर्गीकरण)

कम्प्यूटर(अभिकलित्र या संगणक) अपने काम-काज, प्रयोजन या उद्देश्य तथा रुप-आकार के आधार पर विभिन्न प्रकार के होते है। इसलिए इनका सीधे-सीधे अर्थात प्रत्यक्ष वर्गीकरण करना कठिन है, इसलिए इन्हे हम निम्नलिखित तीन आधारों पर वर्गीकृत करते हैः-

1.Size(आकार)

2.Operation(कार्यप्रणाली)

3.Purpose(उद्देश्य)


1.Size आकार) - आकार के आधार पर कम्प्यूटर को चार भागों मे बाँटा गया है:-
Micro Computer(माइक्रो कम्प्यूटर) , Mini Computer(मिनी कम्प्यूटर), Mainframe Computer(मेनफ्रेम कम्प्यूटर), Super Computr(सुपर कम्प्यूटर) ।

  Micro Computer(माइक्रो कम्प्यूटर) - वे सभी कम्प्यूटर जो माइक्रोप्रोसेसर को मुख्य अवयव के रुप मे प्रयोग करते है, माइक्रो कम्प्यूटर कहलाते है। निजी उपयोग मे लिए जाने के कारण इन्हे पर्सनल कम्प्यूटर कहा जाता है। ये सिंगल यूजर होते है अर्थात इन पर एक समय मे केवल एक ही यूजर कार्य कर सकता है। Desktop Computer , Laptop, Tablet PC, Handheld(PDA & Smart Phone) आदि माइक्रो कम्प्यूटर के उदाहरण है। हैंडहेल्ड कम्प्यूटर आकार मे सबसे छोटा होता है।

  Mini Computer(मिनी कम्प्यूटर) - मिनी कम्प्यूटर को मिड रेन्ज कम्प्यूटर के रुप मे भी जाना जाता है। यह माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना मे अधिक शक्तिशाली होते है। इनकी प्रोसेसिंग क्षमता माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना मे पांच गुना अधिक होती है। इनको मल्टीयूजर सिस्टम मे केन्द्रीय कम्प्यूटर के रुप मे प्रयोग किया जाता है।

  Mainframe Computer(मेनफ्रेम कम्प्यूटर) - मेनफ्रेम कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग क्षमता मिनी कम्प्यूटर से अधिक होती है। यह आकार मे बङे होते है और ये मल्टीयूजर वातावरण के लिए बनाए गए है अतः इनकी भण्डारण तथा प्रोसेसिंग क्षमता अधिक होती है। इनका प्रयोग मुख्यतः वैज्ञानिक प्रयोगों तथा जटिल गणनाएं करने के लिए किया जाता है।

  Super Computr(सुपर कम्प्यूटर) - ये सबसे Powerfull Computer  है। इसका प्रयोग नई तथा जटिल गणनाएं करने मे किया जाता है। ये मल्टीयूजर वातावरण के लिए बनाए गए है। इनकी कीमत अधिक होती है। अतः इनका प्रयोग विषेष कार्यो के लिए ही किया जाता है। भारत मे निर्मित प्रथम सुपर कम्प्यूटर PARAM (परम) है।



2.Operation(कार्यप्रणाली) - कार्यप्रणाली के आधार पर कम्प्यूटर को तीन भागो मे विभाजित किया गया है- 
Digital Computer(डिजिटल कम्प्यूटर), Analog Computer(एनालॉग कम्प्यूटर), Hybrid Computer(हाइब्रिड कम्प्यूटर) ।

Digital Computer(डिजिटल कम्प्यूटर) - डिजिटल कम्प्यूटर केवल अंको(Digit) के आधार पर कार्य करते है तथा इसके लिए केवल 0 व 1 दो संख्याओ का प्रयोग करते है। ये कम्प्यूटर आवश्यक डेटा को इनपुट के रुप मे लेते है तथा उसके बाद उन पर गणितीय क्रियाएं करके उनका परिणाम स्क्रीन पर प्रदर्शित करते है।
Micro Computer(माइक्रो कम्प्यूटर), Mini Computer(मिनी कम्प्यूटर), Mainframe Computer(मेनफ्रेम कम्प्यूटर), Super Computr(सुपर कम्प्यूटर) आदि इसी के उदाहरण है।

Analog Computer(एनालॉग कम्प्यूटर) - यह कम्प्यूटर विशेष प्रकार के कम्प्यूटर होते है। इनका प्रयोग ताप, दबाव, गति, ध्वनि या विद्युत प्रवाह जैसे विशेष संकेतों पर कार्य करने के लिए किया जाता है। इनका प्रयोग वैज्ञानिक तथा चिकित्सा क्षेत्र मे अधिक किया जाता है।

Hybrid Computer(हाइब्रिड कम्प्यूटर) -  इसमे डिजिटल तथा एनालॉग की संयुक्त कार्य पद्धति का प्रयोग किया जाता है, इसलिए यह कम्प्यूटर ताप, दाब,विद्युत प्रवाह के संकेतों तथा संख्याओं के आधार पर कार्य करते है।


3.Purpose(उद्देश्य) - उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटर को दो भागों मे विभक्त किया गया है - General Computer(साधारण कम्प्यूटर), Specail(विशेष कम्प्यूटर) ।
General Computer(साधारण कम्प्यूटर) - इनका उपयोग साधारण कार्य के लिए किया जाता है। माइक्रो कम्प्यूटर इसका उदाहरण है।
Specail(विशेष कम्प्यूटर) - इन कम्प्यूटर्स का उपयोग किसी विशेष कार्य की पूर्ति के उद्देश्य हेतु किया जाता है। सुपर कम्प्यूटर इसका उदाहरण है।









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