शनिवार, 8 सितंबर 2018


Keyboard Function Keys - 

                       Keyboard में सबसे उपरी भाग में F1 से लेकर F12 तक 12 कुंजिया होती हे जिन्हें फंक्शन कुंजिया कहा जाता है 




F1 -जब भी आप कोई सॉफ्टवेयर उपयोग कर रहें हो तो उस समय F1 कीज दबाने पर उसकी हेल्प विंडो ओपन होती है |
F2 -इससे आप किसी भी फाइल, फोल्डर, फोटो इत्यादि का नाम बदल सकते हैं इसके लिए पहले उस पर माउस क्लिक करें फिर F2 प्रेस करें और कोई भी दूसरा नाम टाइप कर पायेगें |
F3 -इंटरनेट चला रहें हो या किसी फाइल में काम कर रहें हो F3 दबाने पर उसका सर्च बार ओपन होता है जिसमें आप सर्च कर सकते हैं |
F4 -इसे Alt+F4 के साथ डेस्कटॉप पर दबा कर आप सिस्टम को शटडाउन यानि बंद कर सकते हैं | लेकिन अगर आप किसी सॉफ्टवेयर में काम कर रहें हैं और वहाँ आप Alt+F4 करेंगें तो वह सॉफ्टवेयर बंद हो जायेगा | MS Word में F4 के द्वारा Redo किया जा सकता है |
F5 -ये रिफ्रेश (refresh) करने के लिए काम आता है, इसे डेस्कटॉप पर दबाने से विंडो रिफ्रेश होगा और सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते समय इसे दबाने से वह सॉफ्टवेयर रिफ्रेश होगा | इसके द्वारा नोटपैड में वर्तमान तारीख और समय भी कर्सर के स्थान पर टाइप किया जा सकता है |
F6 -इस कीज को ब्राउज़र में दबाने पर कर्सर सीधा ब्राउज़र के सर्च बार यानि एड्रेस बार में जाता है |
F7 -माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल या पॉवरपॉइंट इस्तेमाल करते समय इसे दबा कर आप उसमें स्पेलिंग और ग्रामर मिस्टेक को चेक और सही कर सकते हैं |
F8 -कंप्यूटर में इस कीज से आप कंप्यूटर को बूट कर सकते हैं | जैसे: विंडो या बूट सेटिंग्स इत्यादि के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं |
F9 -इससे Word Document को Refresh किया जाता है |
F10 -इससे आप किसी भी सॉफ्टवेयर के मेनू को ओपन कर सकते हैं , इसे दबाते ही सॉफ्टवेयर का मेनू सेलेक्ट हो जायेगा और फिर आप उसे माउस क्लिक कर ओपन कर सकते हैं |
F11 -इससे आप किसी ब्राउज़र को फुल स्क्रीन पर कर सकते हैं और फिर इसे ही दबा कर उसे नार्मल मोड में भी ला सकते हैं |
F12 - माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल या पॉवरपॉइंट में इसे दबा कर आप सेव करे हुए फाइल को फिर से सेव यानि Save as कर सकते हैं, और Ctrl+F12 को एक साथ दबा कर आप पहले से सेव फाइल को ओपन कर सकते हैं | कंप्यूटर चालू करते समय बूट मेनू को ओपन करने के लिए भी F12 का प्रयोग किया जाता है |



बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

Classification of Computer

Classification of Computer(कम्प्यूटर का वर्गीकरण)

कम्प्यूटर(अभिकलित्र या संगणक) अपने काम-काज, प्रयोजन या उद्देश्य तथा रुप-आकार के आधार पर विभिन्न प्रकार के होते है। इसलिए इनका सीधे-सीधे अर्थात प्रत्यक्ष वर्गीकरण करना कठिन है, इसलिए इन्हे हम निम्नलिखित तीन आधारों पर वर्गीकृत करते हैः-

1.Size(आकार)

2.Operation(कार्यप्रणाली)

3.Purpose(उद्देश्य)


1.Size आकार) - आकार के आधार पर कम्प्यूटर को चार भागों मे बाँटा गया है:-
Micro Computer(माइक्रो कम्प्यूटर) , Mini Computer(मिनी कम्प्यूटर), Mainframe Computer(मेनफ्रेम कम्प्यूटर), Super Computr(सुपर कम्प्यूटर) ।

  Micro Computer(माइक्रो कम्प्यूटर) - वे सभी कम्प्यूटर जो माइक्रोप्रोसेसर को मुख्य अवयव के रुप मे प्रयोग करते है, माइक्रो कम्प्यूटर कहलाते है। निजी उपयोग मे लिए जाने के कारण इन्हे पर्सनल कम्प्यूटर कहा जाता है। ये सिंगल यूजर होते है अर्थात इन पर एक समय मे केवल एक ही यूजर कार्य कर सकता है। Desktop Computer , Laptop, Tablet PC, Handheld(PDA & Smart Phone) आदि माइक्रो कम्प्यूटर के उदाहरण है। हैंडहेल्ड कम्प्यूटर आकार मे सबसे छोटा होता है।

  Mini Computer(मिनी कम्प्यूटर) - मिनी कम्प्यूटर को मिड रेन्ज कम्प्यूटर के रुप मे भी जाना जाता है। यह माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना मे अधिक शक्तिशाली होते है। इनकी प्रोसेसिंग क्षमता माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना मे पांच गुना अधिक होती है। इनको मल्टीयूजर सिस्टम मे केन्द्रीय कम्प्यूटर के रुप मे प्रयोग किया जाता है।

  Mainframe Computer(मेनफ्रेम कम्प्यूटर) - मेनफ्रेम कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग क्षमता मिनी कम्प्यूटर से अधिक होती है। यह आकार मे बङे होते है और ये मल्टीयूजर वातावरण के लिए बनाए गए है अतः इनकी भण्डारण तथा प्रोसेसिंग क्षमता अधिक होती है। इनका प्रयोग मुख्यतः वैज्ञानिक प्रयोगों तथा जटिल गणनाएं करने के लिए किया जाता है।

  Super Computr(सुपर कम्प्यूटर) - ये सबसे Powerfull Computer  है। इसका प्रयोग नई तथा जटिल गणनाएं करने मे किया जाता है। ये मल्टीयूजर वातावरण के लिए बनाए गए है। इनकी कीमत अधिक होती है। अतः इनका प्रयोग विषेष कार्यो के लिए ही किया जाता है। भारत मे निर्मित प्रथम सुपर कम्प्यूटर PARAM (परम) है।



2.Operation(कार्यप्रणाली) - कार्यप्रणाली के आधार पर कम्प्यूटर को तीन भागो मे विभाजित किया गया है- 
Digital Computer(डिजिटल कम्प्यूटर), Analog Computer(एनालॉग कम्प्यूटर), Hybrid Computer(हाइब्रिड कम्प्यूटर) ।

Digital Computer(डिजिटल कम्प्यूटर) - डिजिटल कम्प्यूटर केवल अंको(Digit) के आधार पर कार्य करते है तथा इसके लिए केवल 0 व 1 दो संख्याओ का प्रयोग करते है। ये कम्प्यूटर आवश्यक डेटा को इनपुट के रुप मे लेते है तथा उसके बाद उन पर गणितीय क्रियाएं करके उनका परिणाम स्क्रीन पर प्रदर्शित करते है।
Micro Computer(माइक्रो कम्प्यूटर), Mini Computer(मिनी कम्प्यूटर), Mainframe Computer(मेनफ्रेम कम्प्यूटर), Super Computr(सुपर कम्प्यूटर) आदि इसी के उदाहरण है।

Analog Computer(एनालॉग कम्प्यूटर) - यह कम्प्यूटर विशेष प्रकार के कम्प्यूटर होते है। इनका प्रयोग ताप, दबाव, गति, ध्वनि या विद्युत प्रवाह जैसे विशेष संकेतों पर कार्य करने के लिए किया जाता है। इनका प्रयोग वैज्ञानिक तथा चिकित्सा क्षेत्र मे अधिक किया जाता है।

Hybrid Computer(हाइब्रिड कम्प्यूटर) -  इसमे डिजिटल तथा एनालॉग की संयुक्त कार्य पद्धति का प्रयोग किया जाता है, इसलिए यह कम्प्यूटर ताप, दाब,विद्युत प्रवाह के संकेतों तथा संख्याओं के आधार पर कार्य करते है।


3.Purpose(उद्देश्य) - उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटर को दो भागों मे विभक्त किया गया है - General Computer(साधारण कम्प्यूटर), Specail(विशेष कम्प्यूटर) ।
General Computer(साधारण कम्प्यूटर) - इनका उपयोग साधारण कार्य के लिए किया जाता है। माइक्रो कम्प्यूटर इसका उदाहरण है।
Specail(विशेष कम्प्यूटर) - इन कम्प्यूटर्स का उपयोग किसी विशेष कार्य की पूर्ति के उद्देश्य हेतु किया जाता है। सुपर कम्प्यूटर इसका उदाहरण है।









KHUSHI COMPUTER CENTER HARSORE

कम्प्यूटर सरंचना



Computer Architecture (कम्प्यूटर संरचना)

किसी एक या एक से अधिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कार्यरत इकाईयों के समूह को तन्त्र(System) कहते है। उदाहरण के रुप मे विद्यालय एक तन्त्र(System) है, जिसकी इकाईयाँ है- शिक्षक, प्रधानाचार्य, कक्षा-कक्ष, पुस्तकालय, प्रयोगशाला आदि। इसका लक्ष्य है शिक्षा प्रदान करना। इसी प्रकार कम्प्यूटर भी एक तन्त्र के रुप मे कार्य करता है। कम्प्यूटर तन्त्र(Computer System) से अभिप्राय कम्प्यूटर के भौतिक(Physical Units) भागों से है। कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो किसी कार्य को करने के लिए यूजर से डेटा इनपुट के रुप मे ग्रहण करती है, उसे प्रोसेस करती है एंव उसके बाद अर्थपूर्ण सूचनाओं को आउटपुट के रुप मे प्रदर्शित करती है।

कम्प्यूटर तन्त्र(Computer System) मुख्यतः तीन भागों से मिलकर बना होता है।

1.System Unit(सिस्टम यूनिट)  2. Input Unit(इनपूट यूनिट) 3. Output Unit(आउटपुट यूनिट)

1.   System Unit(सिस्टम यूनिट) - इसको CPU(Central Processing Unit – केन्द्रीय संसाधन इकाई) भी कहा जाता है। सीपीयू को कम्प्यूटर का दिमाग कहा जाता है। यह कम्प्यूटर का मुख्य भाग है, यदि कम्प्यूटर मे सीपीयू नही है तो कम्प्यूटर कोई भी कार्य नही कर सकता।
 CPU को तीन भागों मे बाँटा जा सकता है-

1. Control Unit(नियन्त्रण इकाई)

2. Arithmetic Logic Unit(अंकगणितीय एंव तार्किक इकाई)

3. Memory Unit(मैमोरी इकाई)
1. Control Unit(नियन्त्रण इकाई) - CPU मे Control Unit की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नाम के अनुरुप यह इकाई कम्प्यूटर की सूचनाओ के आदान-प्रदान(Input-Output) पर तथा कम्प्यूटर के अन्य उपकरणो पर नियन्त्रण रखती है।
2. Arithmetic Logic Unit(अंकगणितीय एंव तार्किक इकाई) - यह यूनिट अंकगणितीय तथा तार्किक क्रियाएँ करती है। अंकगणितीय क्रियाओं मे जोङ, बाकी, गुणा तथा भाग शामिल है। तार्किक क्रियाओं मे यह दो संख्याओं या डाटा की तुलना कर निर्णय लेने का कार्य करता है। तुलना का परिणाम हाँ या नही मे होते है, जिससे निर्णय लेने मे सहायता मिलती है।
3. Memory Unit(मैमोरी इकाई) - कम्प्यूटर की मैमोरी वह इलेक्ट्रॉनिक स्थान है जहाँ डाटा, सूचना और प्रोग्राम संग्रहित रहते है और आवश्यकता होने पर तत्काल उपलब्ध हो सकते है। यह इनपुट यूनिट द्वारा इनपुट किए गए डेटा को प्रोसेस करने से पहले, प्रोसेसिंग के दौरान तथा प्रोसेसिंग के बाद स्थाई या अस्थाई रुप से स्टोर करके रखती है।



2. Input Unit(इनपूट यूनिट) - इनपुट युक्तियों की सहायता से User द्वारा कम्प्यूटर मे आंकङे, सूचनाएं तथा निर्देश डाले जाते है। जिन उपकरणो के माध्यम से हम अपनी बात या आदेश कम्प्यूटर तक पहुंचाते है उन्हे Input Device कहा जाता है। जैसे- की-बोर्ड, माउस, टच स्क्रीन, जॉयस्टिक आदि।
3. Output Unit(आउटपुट यूनिट) - वे उपकरण जिनके द्वारा कम्प्यूटर उपयोगकर्ता को सूचना प्रदान करे वह आउटपुट उपकरण कहलाते है। जैसे - मॉनिटर, प्रिन्टर, स्पीकर आदि। 


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कम्प्यूटर का परिचय

Introduction Of Computer  (कम्प्यूटर का परिचय)


कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो यूजर द्वारा दिए गए  डेटा या आंकङों को ध्यान मे रखते हुए परिशुद्धता के साथ परिणाम देता है उसे कम्प्यूटर कहते है। कम्प्यूटर हार्डवेयर तथा सॉफ्वेयर का मिश्रण है। कम्प्यूटर की खोज सन् 1822 मे चार्ल्स बैबेज ने की थी। कम्प्यूटर का अविष्कार  20 वीं सदी की एक महान उपलब्धि है। कम्प्यूटर शब्द की उत्पति अंग्रजी के कम्प्यूट(Compute) शब्द से हुई है जिसका अर्थ है - गणना या गिनती करना। अतः इसे संगणक कहा जाता है। प्रारंभ मे इसका प्रयोग केवल जटिल क्रियाओं को तीव्र गति से सम्पन्न करने के लिए ही किया जाता था, किन्तु आज कम्प्यूटर द्वारा किया जाने वाला  80 प्रतिशत से अधिक कार्य गणितीय नही होता है। अतः कम्प्यूटर को मात्र एक गणना करने वाली युक्ति के रुप मे परिभाषित करना इसके  80 प्रतिशत कार्य को उपेक्षित करना है। इसमे हम अपरिष्कृत आंकङे देकर प्रोग्राम के नियन्त्रण द्वारा उन्हे अर्थपूर्ण सूचनाओ मे परिवर्तित कर सकते है। कम्प्यूटर की किसी विषिष्ट भाषा मे लिखे गए निर्देशों के समूह को प्रोग्राम कहते है।